नई दिल्ली। तकरीबन तीन साल पहले लापता हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नजीब अहमद को लेकर स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ने ऐलान करते हुए कहा, 'नजीब का JNU से गायब होना कोई सामान्य मामला नहीं है। यह अल्पसंख्यकों को हॉयर एजूकेशन इंस्टीट्यूट में जाने से रोकने का एक प्लान है। ये लोग एक वर्ग विशेष के छात्रों में डर पैदा करना चाहते हैं। लेकिन हम डरेंगे नहीं 15 अक्टूबर को देशभर के स्कूल-कॉलेज में नजीब को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर आंदोलन किया जाएगा। सभी संगठनोंं के साथ मिलकर यह आंदोलन किया जाएगा।' एसआईओ के राष्ट्रीय सचिव फवाज़ शाहीन ने गुरुवार को प्रेस क्लब में मीडिया को संबोधित करते हुए यह ऐलान किया। बता दें कि एसआईओ जमात-ए-इस्लामी हिंद की स्टूडेंट विंग है। देशभर में कई हजार मुस्लिम छात्र इसके सदस्य हैं।
यूनाइटेड अगेंस्ट हेट (UAH) की ओर से इस प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था। इस मौके पर यूएएच के फाउंडिंग मेंबर नदीम खान ने कहा कि नजीब को गायब हुए तीन साल पूरे होने वाले हैं। लेकिन अब तक सरकार या प्रशासन ने कोई भी गंभीर और सकारात्मक कदम नहीं उठाया है। साथ ही नजीब के लापता होने कि जांच भी किसी निर्णायक मोड़ पर नहीं पहुंच सकी है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी ने भावुक होते हुए कहा, 'मैं इंसाफ की लड़ाई आखरी सांस तक लडूंगी। आरोपियों का इस तरह जमानत पर आना बहुत दुख देने वाला है। अपने फर्ज को निभाते हुए शहीद होने वाले मेरे पति की हत्या के आरोपी बड़े नेताओं के करीबी हैं। लेकिन मैं कमजोर नहीं हूं, इंसाफ की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ती रहूंगी।'
इस मौके पर दिल्ली के एक इलाके में भीड़ के हाथों मारे गए साहिल की मां ने अपना दुख जाहिर करते हुए कहा, 'मेरे बेटे का नाम साहिल सुनकर मुसलमान समझकर उसे मार दिया। अब जब हम उसके हत्यारों को सजा दिलाने के लिए यहां से वहां चक्कर काट रहे हैं तो पुलिस हमारा सहयोग नहीं कर रही है। आरोपियों को बचाया जा रहा है। हम तो हार गए इस सिस्टम से।'
नदीम खान ने बताया, 'यूनाइटेड अगेंस्ट हेट, एसआईओ और देश के तमाम छोटे-बड़े संगठन 15 अक्टूबर को नजीब के गायब होने के बाद आरोपियों से पूछताछ न करने, गंभीरता से नजीब की तलाश न किए जाने और पीड़ित परिवार को परेशान किए जाने के विरोध में प्रदर्शन करेंगे। वहीं तीन मांगें की जाएंगी कि- नजीब के मामले की दोबारा जांच हो। साहिल के केस की निष्पक्ष जांच और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो. इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के हत्यारों की ज़मानत रद्द हो।'
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्रसंघ के सचिव हुज़ैफ़ा आमिर, जेएनयू की प्रोफ़ेसर गज़ाला जमील सहित छात्र संगठन आइसा के सदस्य आदि भी मौजूद थे।