फतेहपुर ब्यूरो। मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पहाड़ीपुर मजरे सनगांव का है जहां एक विधवा महिला की जमीन पर दरोगा ने विपक्षी पार्टी से मिलकर मौके में कुर्सी में बैठ कर जबरन निर्माण करा डाला जबकि उसी नंबर पर जिलाधिकारी द्वारा 10 जुलाई को स्थगन आदेश पारित किया गया था। मगर वर्दी के रुआब में दरोगा को जिलाधिकारी का आदेश भी छोटा दिखा। उसने जिलाधिकारी कोर्ट के स्थगन आदेश को भी कूड़े के ढेर में फेंक दिया। और लेखपाल को साथ लेकर निर्माण करा डाला। इस निर्माण का पीड़ित महिला के किसी परिजन ने पूरा वीडियो भी बना लिया। अब सवाल यह उठता है की किसके आदेश पर लेखपाल और दरोगा निर्माण कराने मौके पर गए थे। जबकि ऐसे ही मामलों में कई बार शहर क्षेत्र में ही खून खराबा हो चुका है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण बीते वर्ष हुआ आबूनगर हत्याकांड रहा है।
वहीं विधवा महिला इकरामून निशा ने बताया कि उक्त जमीन पर नक्शा दुरुस्ती का मुकदमा चल रहा है जमीन पर दौरान मुकदमा किसी भी पक्ष से निर्माण कार्य न होने के लिए जिलाधिकारी कोर्ट ने स्थगन आदेश दे रखा है मगर पुलिस से मिलकर विपक्षी पार्टी मकबूल पुत्र महबूब ग्राम पहाड़ीपुर व उसके नाती शादाब पुत्र कल्लू ने जबरन निर्माण कर उसके निकास का दरवाजा बंद करवा दिया। जबकि फजलुर रहमान द्वारा जिलाधिकारी कोर्ट की स्टे कॉपी मौके पर दिखाई गई तो हल्का प्रभारी इंद्रजीत गौतम व लेखपाल सुरेंद्र कुमार ने कहा कि ऐसे आदेश बहुत देखे हैं और दरोगा ने जेल में डालने की धमकी दे डाली। वहीं महिला ने लेखपाल सुरेंद्र पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गांव में लेखपाल ने अवैध ढंग से लाभ लेकर गौचर की जमीन में ग्राम वासियों के मकान बनवा दिए हैं। उसने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है और साथ ही यह भी सवाल किया है कि क्या जिलाधिकारी कोर्ट के आदेश से भी ऊपर हल्का प्रभारी की दबंगी हो गई। विधवा ने यह भी बताया कि हल्का प्रभारी व लेखपाल के पास जमीन में काम कराने का कोई निर्देश नहीं था। उन्होंने ब्यक्तिगत लाभ लेकर मनमानी तरीके से विपक्षी के पक्ष में निर्माण करा डाला।
वहीं इस बाबत हल्का प्रभारी इंद्रजीत गौतम ने कहा कि आईजीआरएस निस्तारण में मौके पर गए थे। सही ब्यक्ति के पक्ष में निर्माण कराया है। डीएम कोर्ट के स्थगन आदेश की बात पर एसआई की घिघ्घी बंध गयी। और कहा कि राजस्व का मामला है लेखपाल जाने। लेखपाल को डीएम कोर्ट के आदेश को देखकर रोकना चाहिए था।
वहीं इस बाबत लेखपाल सुरेंद्र ने मामले से पूरी तरह पल्ला झाड़ा। उन्होंने कहा हल्का प्रभारी इंद्रजीत ने मौके पर बुला लिया था। मैने निर्माण में कोई मदद नहीं की और न ही जिलाधिकारी कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है।
इस बाबत तहसीलदार सदर विदुषी सिंह ने कहा मामला गम्भीर है बिना किसी जिम्मेदार के आदेश के विवादित स्थल पर नहीं जाना चाहिए था। मामले की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी।
वहीं इस पूरे मामले पर एसपी रमेश ने एसआई इंद्रजीत को जमकर फटकार लगाई। और एक जांच सीओ सिटी को सौंपी है।