नई दिल्ली। अपनी विदेश यात्राओं के दौरान विशेष सुरक्षा कमांडो को लौटा देने वाला गांधी परिवार अब ऐसा नहीं कर पायेगा। सरकार ने गांधी परिवार को सुरक्षा देने वाले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) को नए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। केंद्र की ओर से गांधी परिवार के किसी भी सदस्य के विदेश यात्रा पर जाने के दौरान पूरे समय उनके लिए एसपीजी सुरक्षा अनिवार्य रहेगी। यही नहीं, अगर वे इसे स्वीकार नहीं करते हैं तो सुरक्षा कारणों के मद्देनजर उनकी विदेश यात्रा में कटौती भी की जा सकती है।
बता दें कि अब तक एसपीजी सुरक्षाकर्मी पहले विदेशी डेस्टिनेशन तक ही गांधी परिवार के साथ जाते थे। इसके बाद गांधी परिवार के सदस्य अपनी निजता का हवाला देकर सभी सुरक्षाकर्मियों को वापस भारत लौटा देते थे। इससे आगे की विदेश यात्रा के दौरान उनके लिए जोखिम बढ़ जाता था।
केंद्र के नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, अब अगर गांधी परिवार का कोई सदस्य लंदन दौरे पर जाता है तो एसपीजी के सुरक्षाकर्मी दिल्ली लौटने तक उनके साथ साए की तरह रहेंगे। अगर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के परिवार का कोई सदस्य लंदन से यूरोप या अमेरिका जाना चाहता है तो संबंधित देश में भारतीय दूतावास स्थानीय पुलिस के साथ उन्हें एसपीजी सुरक्षा के अलावा भी सुरक्षा मुहैया कराने के लिए बात करेगा। बता दें कि पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की उनके ही सुरक्षाकर्मियों ने हत्या कर दी थी। इसके बाद 1985 में देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए अलग से खास सुरक्षा दस्ता बनाया था। यह सुरक्षा दस्ता ही एसपीजी कहलाता है।
एसपीजी का गठन बीरबल नाथ समिति की रिपोर्ट के आधार पर किया गया था। इसके बाद 1988 में इसे एक कानून बनाकर औपचारिक कर दिया गया था। एस. सुब्रमण्यम एसपीजी के पहले निदेशक बनाए गए। इस ग्रुप में आईपीएस के शार्प शूटर्स, राज्यों के पुलिस अधिकारी, अर्धसैनिक बलों के अधिकारी और इंटेलिजेंस एजेंसी के अधिकारियों को शामिल किया जाता है। इस समय 3000 एसपीजी सुरक्षाकर्मी पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को सुरक्षा मुहैया कराते हैं।
केंद्रीय सचिवालय की ओर से एसपीजी को जारी नए दिशानिर्देशों के तहत गांधी परिवार को अब अपनी यात्राओं के हर मिनट की जानकारी मुहैया करानी होगी। गांधी परिवार से उनकी पिछली कुछ यात्राओं का ब्योरा भी मांगा गया है। नए दिशानिर्देश जहां गांधी परिवार को पूरी दुनिया में सुरक्षा मुहैया कराएंगे, वहीं केंद्र को उनके हर कदम पर नजर रखने में भी मददगार साबित होंगे। अब तक सुरक्षा प्राप्त किसी भी व्यक्ति के किसी देश में पहुंचने पर भारतीय दूतावास या उच्चायोग की जिम्मेदारी होती थी कि वे स्थानीय पुलिस के सहयोग से उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराएं। ये व्यवस्था अब भी जारी रहेगी, लेकिन अब स्थानीय पुलिस के साथ ही एसपीजी भी उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएगी।